Sunday, April 15, 2018

सर्वोच्च न्यायालय: बेटी को भी जन्म से ही जमीनी संपत्ति में अधिकार


सर्वोच्च न्यायालय में पिता की संपत्ति पर हिंदुओं के अधिकार की महत्वपूर्ण व्यवस्था की गई थी। कोर्ट ने कहा है कि हिंदुओं के खिलाफ कानून 1956 में पैदा होने से पहले पैदा हुई लड़की को भी पिता की सम्पत्ति में बेट्स के बराबर अधिकार है। 2005 में हिन्दू उत्तराधिकार कानून में संशोधन किया गया था बेटी के पिता की संपत्ति में जन्म से अधिकार मिल गया। यह महत्वपूर्ण व्यवस्था जस्टिस ए.के. सीकर और अशोक भूषण की एक अदालत ने एक फरवरी को कटक की दो बेटियों के पिता की संपत्ति पर मुहर लगाई। कम न्यायालय और कर्नाटक हाई कोर्ट ने कहा बेटियों के सम्पत्ति में हिस्सेदारी की मांग को अस्वीकृत कर दिया गया था कि उनका जन्म हिन्दू उत्तराधिकारी अधिनियम 1 9 56 से पहले हो रहा था लेकिन सर्वोच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में कहा था कि मिताकरा से संचालित है हिन्दू संयुक्त परिवार के कानून में बेमिसाल परिवर्तन हुआ है कानून में कहा गया है कि बेटी संपत्ति में जन्म से साझा भागीदारी और उसके समान अधिकार और जिम्मेदारियां होनी चाहिए जो बेटे के हैं। बटी साझा हिस्सेदारी और उसे संपत्ति वसीयत या किसी अन्य तरीके से डिलीवर करने का भी अधिकार होगा

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